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Jul 26, 2024
‘ऐ चाँद’
1) ऐ चाँद तेरी शीतलता को कैसे बखान करूँ,दिनभर की दौड़ धूप की तपिश के बाद ,एक तेरी ही आगोश में तो राहत की साँस महसूस करूँ।।
2) ऐ चाँद तूँ इतना दूर होकर भीलगता क्यूँ नज़रों के पास यूँ।
चाहे पूर्णिमा का हो या ईद का
हर अदा में बहुत खूबसूरत है तूँ।
3) ऐ चाँद तेरी चाँदनी को आज तक कोई ना पा सका
ये तो वह सुखद अहसास है जिसकी शीतलता को महसूस हर कोई कर सका
सच है कि,तेरी ऊँचाईयों तक तो लोग पहुँच गए
मगर….तेरी निर्मल शीतलता को छूने से चूक गए।
Anju Dwivedi
Anju Dwivedi teaches Hindi in a renowned school in Ajmer. She takes pleasure in expressing her deepest thoughts, ideas and feelings through writing short stories, poems and shayari.
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