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May 26, 2024

ओ मेरी प्यारी माँ

माँ, ओ मेरी प्यारी माँ तुम्हे शब्दों में बाँध सकूँ,
इतनी सीमित अभिव्यक्ति नहीं हो तुम माँ।।

तुम ईश्वर की सबसे सुंदर,स्नेहमयी कृति हो माँ।
तुम्हारे जैसा दुनिया में दूजा है कोई कहाँ।।

तुम तो आत्मा से निकली वो मधुर आवाज़ हो,
जो मुँह में मिठास घोल जाए माँ।।

तुम्हारे नर्म हाथों के प्यार भरे स्पर्श से तो,
ज़मानेsss के दर्द दूर हो जाते हैं माँ।।

तेरे खाने की खुशबू तो ज़माने में कहाँ क्योंकि,
मसालों से ज्यादा उसमें तेरी ममता जो घुली होती है माँ।।

माँ याद आती हैं वो बचपन की यादें,
जब हमारी गलती पर भी तुम कुछ ना कहती थी माँ।।

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बस कोने में कान पकड़कर दीवार की ओर मुँह करके खड़े रहने की सज़ा देती थी माँ।।
तेरी वो ममता भरी अनोखी सज़ा आज भी मेरे कोमल मन को गुदगुदा जाती है माँ।।

माँ तुम ही तो थीं जो मन पढ़ना जानती थीं,
तुम्हारी ही तो मुस्कान बनावटी ना लगती थी माँ।।

तुम्हारे ही स्नेहिल स्पर्श का सुखद अहसास,
मेरी रूह को हर पल छू जाता है माँ।।

तेरे जाने के बाद भी तेरे होने का अहसास मेरे मन को प्यार से भर जाता है माँ।।
तेरे बिन घर में तो क्या दुनिया में भी रौनक कहाँ,

क्योंकि तुम पर ही तो सिमटी थी मेरी दुनिया ओ माँ।।
मिले जो जन्म फिर से तो प्रार्थना यही है प्रभु से,
हर जन्म में तुम्ही मिलो मुझे माँ।।

माँ ओ मेरी प्यारी माँ ,
इस दुनिया में तुम्हारा विकल्प ही कहाँ माँ,
ओ मेरी प्यारी माँ,ओ मेरी प्यारी माँ।।

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Anju Dwivedi

Anju Dwivedi teaches Hindi in a renowned school in Ajmer. She takes pleasure in expressing her deepest thoughts, ideas and feelings through writing short stories, poems and shayari.

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